योगज शक्तियां

in #vihangam7 years ago

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अर्जुन भगवान श्रीकृष्ण की योगज शक्तियों से अनभिज्ञ था। उन्हें अपना समवयस्क मित्र, साथी अथवा सम्बन्धी समझता था तथा उनके प्रति मित्र अथवा साथी-जैसा व्यवहार करता था। इस प्रकार वह कई बार श्रीकृष्ण से भोजन, शयन, क्रीडादि के अवसर पर परिहास भी कर दिया करता था। अबतक श्रीकृष्ण अर्जुन से अपनी उच्च योगज स्थिति को गुप्त रखकर उसके साथ भी समवयस्क मित्र-सा व्यवहार किया करते थे। महाभारत की रणभूमि में अर्जुन के मोहग्रस्त होने पर उसे कर्तव्य के मार्ग पर लाने के लिए उन्हें, उसको उच्च अध्यात्म-ज्ञान का उपदेश करना पड़ा। इसी क्रम में उन्हें अपने योगज ऐश्वर्य का प्रत्यक्ष दर्शन भी उसे कराना पड़ा। यह सब देखकर अर्जुन को अपनी भूल दिखाई पड़ी। उसे अब बोध हुआ कि श्रीकृष्ण जैसे महान योगेश्वर को अबतक उसने अपना सखा या सम्बन्धी समझ रखा था। इसी भूल के आधार के लिए, उनसे वह क्षमा-याचना कर रहा है। योगी गुप्त तथा सागर-सा गम्भीर रहता है। अपनी योगज शक्तियों का प्रदर्शन वह सबके सामने नही करता। उसकी कृपा जिस भाग्यशाली व्यक्ति पर होती है, उसे ही वह अपना पूर्ण परिचय देता है। भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को अपने वास्तविक योगेश्वर्य का प्रत्यक्ष दर्शन उसकी प्रार्थना करने पर उसके विश्वास के लिए कराया।

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Nice yoga post

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