Women welfare law part 3
1. Hindu Marriage Act
Any woman of Indian Code of Criminal Procedure
May demand for maintenance under section 125
is. Section 25 of Hindu Marriage Act, 1955
According to the application, the court will also pay permanent
Can nourish. In case of marital disputes
Matrimonial maintenance interim maintenance
The law of giving is also in law.
12. Maternity Benefit Act
Working women and childbirth
Savitaic Holidays for Baby Care
Providing other facilities to provide maternity benefits
The act is effective. This holiday and facilities only
It is only on two children.
Provision to be given is in the Act.
13. Special Marriage Act
The provisions of the Special Marriage Act, 1954
According to healthy brain women who are 18 years of age
Have fulfilled, love marriage with your wishes or
Intermarriage can marry. This type of marriage
Is required to register and which
Married to a man is more than 21 years old
Having a healthy brain is essential. Someone's
Even the husband or wife should not be alive in the past.
14. Pre-Taking Prevention Act
Indian Penal Code to Prevent Feticide
There is provision in section 312 to 318. Specially.
Preventing female feticide and manifesting fetal gender
To prevent misuse of the method of delivery
Pre-Diagnostic Techniques (Exchange and Abuse)
The Prevention Act 1994 has been passed.
15 Therapeutic Conception Law
Under certain circumstances women get unwanted.
Clinical conception of pregnancy
Permission is allowed under law, 1971. Specialist doctor
Of the pregnant woman in the authorized medical center only.
Pre-abortion according to legal provisions
Can be done only.
1. हिन्दू विवाह अधिनियम
कोई भी महिला भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की
धारा 125 के अन्तर्गत भरण-पोषण की मांग कर सकती
है। हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 25 के
अनुसार भी आवेदन करने पर न्यायालय स्थायी भरण
पोषण दिला सकता है । दाम्पत्य विवादों के मामले में
वादकालीन भरण-पोषण अन्तरिम भरण-पोषण
दिलाने की व्यवस्था भी कानून में है।
12. प्रसूति प्रसुविधा अधिनियम
कामकाजी महिलाओं को प्रसव तथा नवजात
शिशु की देखभाल के लिए सवैतनिक अवकाश और
अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रसूति प्रसुविधा श
अधिनियम प्रभावी है । यह अवकाश व सुविधाएं केवल दि
दो बच्चों पर ही मिलती है।गर्भपात होने पर भी अवकाश स
दिए जाने का प्रावधान अधिनियम में है।
13.विशेष विवाह अधिनियम
विशेष विवाह अधिनियम 1954 के प्रावधानों के
अनुसार स्वस्थ मस्तिष्क महिलाएं जो 18 वर्ष की आयु
पूरी कर चुकी हैं, अपनी इच्छा से प्रेम विवाह अथवा
अंतरजातीय विवाह कर सकती है ।इस प्रकार के विवाह
का पंजीकरण कराना आवश्यक होता है और जिस
पुरुष से विवाह किया जाए वह 21 वर्ष से अधिक का
स्वस्थ मस्तिष्क वाला होना आवश्यक है। किसी के
भी पूर्व में पति अथवा पत्नी जीवित नहीं होनी चाहिए।
14.प्रसव पूर्व तकनीक निवारण अधिनियम
भ्रूण हत्या रोकने के लिए भारतीय दंड संहिता
की धारा 312 से 318 में प्रावधान है। विशेष रूप से।
कन्या भ्रूण हत्या रोकने और भ्रूण के लिंग को प्रकट
करने की विधि के दुरुपयोग को रोकने के लिए प्रसव
पूर्व (निदान) तकनीक (विनिमय और दुरुपयोग)
निवारण अधिनियम 1994 पारित किया गया है।
15चिकित्सकीय गर्भ समापन कानून
कुछ विशेष परिस्थितियों में महिलाओं को अनचाहे।
गर्भ से छुटकारा पाने की चिकित्सकीय गर्भ समापन
कानून, 1971 के अंतर्गत अनुमति है। विशेषज्ञ चिकित्सक
से अधिकृत चिकित्सा केंद्र में ही गर्भवती महिला की ।
पूर्व अनुमति से गर्भपात कानूनी प्रावधानों के अनुसार
ही कराया जा सकता है।
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