डायरी गेम 13 नवंबर आज का दिन मेरे लिए बहुत ही अच्छा रहा मैने अपनी दिन को ओर भी खास बनाया।।
इस मंच पे सब भी को नमस्ते, मैं इंडिया से सुधा सिंह हूं। आज मैं 3:00 उठ जाती हु फ्रेश होके एक्साइज करती है क्यों कि जिम नहीं जाने की वजह से मुझे अच्छा नहीं लग रहा था ये सब होने के बाद घर की साफ साफी कर की मै नहा के पूजा पाठ कर लेती हु। आज मुझे बहुत ही अच्छा लगा सुबह सुबह नहा के पूजा कर के ये रूटीन मेरा हमेशा का था,
पर इधर व्यस्त होने की वजह से अपनी रूटीन को फॉलो नहीं कर पाए।
मैने अपनी लिए आज ब्रेस्फस्ट बहुत हेल्थी मूंग का चीला बनाया और अपने बच्चों को भी यही दिया उनको भी अच्छा लगा और टिफिन में भी पैक कर दिया टोमैटो सॉस के साथ मेरे पति जी ने आज मेरे लिए स्पेशल चाय बनाया जो कि उनके हाथ का चाय मुझे बेहद पसंद है।
पूजा का जगह बहुत ही अच्छा लगा।।
मुझे घर के कुछ सामान भी लाने थे जो कि खत्म होगया था , आज मुझे अचानक से एक पूजा में जाने का बुलवा आता है मेरे दोस्त की बहन आए थी उसकी नए नए शादी हुए तो उस खुशी में उन्हें ने घर पे एक पूजा का आयोजन किया था जिस में मुझे भी बुलाया गया था।
12:30 बजे से जाना तो मैने जल्दी किया आज बच्चों को भी आने लेट होगा क्यों की उनके स्कूल में कुछ फंक्शन का तैयारी करवा जा रहा था।
मेरे दोस्त उसकी मां और बहने।।
मैने लंच भी बनाया था क्यों कि वही पे मेरा खाना था मेरे पति भी साथ में चले, जब तक वह पहुंची में आधा पूजा हो चुका था क्यों कि मुझे थोड़ा लेट होगया था घर का भी कुछ कम था ऊपर से बच्चों के कुछ कपड़े थे जो कि साफ करने के लिए रखे थे।
दोस्त की मां और छोटी बहन।।
मेरे दोस्त की बहन बहुत सुंदर लग रही थी वो लोग भी राजपूत थे उसकी मां मुझे देख कर बहुत खुश हुए वो लोग मेरे बहुत इज्जत करते है, मुझे भी वो लोग अच्छे लगते है।
मेरा पसंदीदा मिठाई।।
पूजा होने बाद पंडित जी ने मोली दागा पहनावे और उसकी मां ने सिंदूर किया बोलते है न पूजा का कुछ भी पड़ते ही चेहरा चमकता है क्यों कि भगवान का उस पे आशीवार्द होता है।
प्रसाद मिला सबको हमलोग ने भी खाया और खाने में बिना लाशन, प्याज का खाना बना था क्यों कि पूजा पाठ में ये सब बना सही नहीं होता है।
खाने में आलू कोबी का सब्जी पूरी, छोला, खीर और छेना का मिठाई था दो तरह का अच्छा लगा खाना खा के मन तृप्त होगया मैने उसकी बहन को कुछ गिफ्ट दिया क्यों कि मैं उसकी शादी में नहीं जा पाए थी इस वजह से अभी कुछ दे दिया।
भोजन।।
आते समय चाची ने उनको कपड़े और मुझे भी साड़ी दिया मैने बोला इनकी क्या ही जरूरत है।
पर उन्हें ने बोला बेटी और दामाद घर आए तो कैसे खाली हाथ जाने दे उनका मुझे आदर और इज्जत देने का तरीका बहुत ही अच्छा लगा वरना आज कल ये सब कहा देखें को मिलता है।
उसकी छोटी बहन बहुत प्यारी है।।
घर आए मै बच्चे आए थे मेरे जेठानी जी ने उनको खाना खिला दिया था , मै इस वजह से थोड़ी निशित थीं कि दीदी है न संभाल लेंगी। फिर बच्चों का होम वर्क करवाई मै टीपू का क्यों आदित्य खुद कर लेता उसकी मुझे टेंशन नहीं होती है।
आज रात में डोसा बनाया था खाने में रोज रोज एक तरह का खाना खा कर मन बाहर गया था ।
इसलिए थोड़ा चेंज कर दी मै ओर बच्चों को भी अच्छा लगा वो भी बहुत खुश होगे बोले मम्मी बाहर से बहुत ही अच्छा लगा रहा अब से आप भी बना बाहर का बंद अब। आज का समय एसे ही निकल गया।।







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