Beautiful thoughts
जब भी किसी पर गुस्सा आए तो एक बार रूक कर सोंचे पहले भी आया था तो मैं क्या कर पाया।
लोग वैध संबंध तो निभाने में सक्षम नहीं हैं तो सोचनीय है अवैध संबंध कैसे निभा जाएंगे जो वैध संबंध को सफलता से नहीं जी सकते वो स्त्री और पुरुष अवैध संबंधों को कब तक ढो लेंगे जिनमें संबंध को जीने की योग्यता नहीं। अवैध संबंध सिर्फ व्यभिचार से ज्यादा कुछ नहीं है सिर्फ अनैतिक संबंध को प्रेम का नाम देकर आवरण से ढकना है।