Beautiful thought
विश्वास किसी पर इतना करो कि वो तुम्हे छलते समय खुद को दोषी समझे ।
जीवन शतरंज के खेल की तरह है जिसे हम ईश्वर के साथ खेल रहे हैं। हमारी हर चाल के बाद अगली चाल वह चलता है अंतर मात्र यह है कि,हमारी चाल हमारी पसंद कहलाती है और उसकी चाल परिणाम।*