Beautiful thoughts
दिन भर कुछ न कुछ बोलना जरूरी नहीं है
परन्तु यह ध्यान रखें कि क्या बोलना है क्या नहीं?
समस्याओं के हल के लिए विचारों के आदान प्रदान करें जिस व्यक्ति से बोल रहे हैं उसकी परिस्थितियों का ध्यान अवश्य रखें कम शब्दों में बात को स्पष्ट करें जो प्रसंग से हटकर ना हो परंतु जो भी बोलें सोच समझ कर बोलें बोले गए शब्द निश्छल निष्कपट सुखदाई होंगे तभी शब्दों और वाणी की सार्थकता है।