"Rays of Hope"
नमस्ते मेरे दोस्तों,
यह @solperez द्वारा होस्ट किए गए "आर्ट एंड राइटिंग कॉन्टेस्ट #172" में मेरी भागीदारी है
सर्दियों की कड़ाके की ठंड में दो औरतें, सुनीता और सीमा, एक छोटे से कमरे में बैठी थीं। बाहर ठंडी हवा ज़ोर से चल रही थी, लेकिन अंदर एक दीये की गर्मी से कमरा थोड़ा रहत भरा था । कोने में एक बहुत पुरानी सिलाई मशीन रखी थी।
सुनीता के हाथ तेज़ी से चल रहे थे अपनी साथी से बोली “राघव भाई ने कहा है कि अगले हफ़्ते हमें एक बड़ा ऑर्डर मिलने वाला है। अगर वह मिल गया तो में अपने बच्चों की स्कूल फ़ीस की जमा क्र पाऊँगी ।”
सीमा ने जवाब दिया " कितने दुःख की बात हे, हमसे बेहतर काम कोई नहीं करता, लेकिन हमें जो मेहनताना मिलते हैं, वे अभी भी बहुत कम और पुराने हैं।”
सुनीता ने कप में चाय डालते हुए मुस्कुराकर कहा, “चिंता मत करो, बहन, बस एक बार हमारी पहचान बन जाए, तो लोग खुद हमारे पास सीधे आएंगे।”
सीमा ने धीरे से दुखी आह भरी। “हाँ, मेहनत से पहचान तो मिलेगी, बस समय हमारा साथ दे।”
दोनों के चेहरों पर हल्की सी मुस्कान थी, जैसे वे अपने दुख के बीच एक-दूसरे को झूठा दिलासा दे रही हों।
सुनिता ने आगे कहा, “अगर हमारा यह काम बढ़ गया, तो मैं अपनी खुद की मशीन खरीद लूंगी। हर महीने किराया देना मुश्किल होता जा रहा है।”
सीमा हँसी। “हाँ, बहन, तुम्हें एक ले लेनी चाहिए। फिर तुम अपने नाम से ऑर्डर लेना शुरू कर सकती हो। में भी तुम्हारे साथ हूँ ।”
उनकी बातचीत में एक दोस्ती का भाव था, जैसे गरीबी नहीं, बल्कि उनकी गरीबी के संघर्ष ने उन्हें एक साथ बाँध दिया हो। रात बहुत हो रही थी।
अपना काम खत्म करने के बाद, सुनीता ने कहा, “ठीक है, आज के लिए इतना ही अब कल सुबह फिर शुरू करेंगे।”
बत्ती बुझाकर, वे दोनों एक बेहतर कल की उम्मीद लिए अपने-अपने घर चली गईं।
मैं यहाँ @cruzamilcar63 @aviral123 और @paholags को भी इनवाइट करना चाहता हूँ।
बहुत सारे प्यार और सम्मान के साथ,
sur-riti❤️

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