Steemindiaa Contest - Disaster Management// आपदा प्रबंधन // HIN/ENG
It is a different matter that not all of them are so intense on the Richter scale that they can cause damage to life and property. I remember on January 26, 2001, an earthquake of magnitude 6.9 occurred in Kutch, Gujarat, that changed the face of the entire Kutch area.
The terrible devastation caused by the earthquake, in which it destroyed many districts of Gujarat, Kutch, Surendranagar, etc., was the most affected, and about 8000 villages were destroyed in this natural calamity. 17,000 people died and 200,000 people were injured.
In such a situation, what we can do is donate as much as we can, and I did it individually and contributed to the officially raised fund.
In April 2015, a tremendous earthquake in Nepal shook not only Nepal but also India and Pakistan. Thousands of people died because of this earthquake of about 8 Richter scale intensity. Before that, in the year 2014, there was a tremendous earthquake in China. Its magnitude was 6.5 on the Richter scale, and 600 more people died because of this earthquake. Many people were also injured. About 9 years ago, in September 2013, an earthquake of magnitude 7.7 Richter scale struck Pakistan in which around 1000 people died.
Many of you might remember the March 2011 earthquake in Japan that killed 18,000 people. An earthquake measuring 9.0 on the Richter scale devastated the Fukushima nuclear reactor and caused massive destruction. Anyway, Japan, where most earthquakes occur and a lot of care is taken, often suffers damage from earthquakes.
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The January 2010 earthquake in Haiti shook the entire country. More than three hundred thousand people died in that earthquake.
Indonesia was hit by a powerful earthquake in May 2006 that ruined people and destroyed homes. About 6,000 people died in this earthquake. Then, in September 2009, there was another major earthquake in Indonesia, which killed more than 1100 people.
I have been associated with an NGO, so I know that disaster management is such a process, and to make it successful, we all need to try unitedly without looking at the government. It is the duty of every citizen to provide their support to the people, because tomorrow it could happen to any of us. If we are prepared in advance to deal with disaster management, even though you cannot avoid natural disasters, you can mitigate their effects and help people on time.
We should know what the causes of earthquakes are and what precautions we have to take to avoid them.
Building earthquake-resistant structures
There should be an emergency exit in every home.
Keeping such arrangements outside of houses where emergency services are easily accessible.
We should come forward and collaborate with the government and NGOs as much as possible in order to provide timely help and rehabilitation to people.
Disaster management goes hand in hand with each other after a disaster. This process will help people return to their normal standard of living.
We know that one reason for natural disasters is large-scale deforestation and urbanization. But this is not the only reason for natural disasters. I believe that they relate the origin of disasters to human actions. We have played with nature, so nature is now playing with us. So, if we want to avoid natural disasters, we must either respect nature or face the music. We should be prepared for the consequences.
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मुझे याद है 26 जनवरी 2001 में गुजरात के कच्छ में 6.9 की तीव्रता का भूकंप आया था। जिसने पूरे कच्छ की सूरत ही बदलकर रख दी। भूकंप से हुई भयंकर तबाही जिसमे गुजरात के अनेकों जिलों में तबाही हो गयी थी. कच्छ में, सुरेंद्रनगर आदि में सबसे ज्यादा असर हुआ था और इस प्राकृतिक आपदा में लगभग 8००० गांव तबाह हो गए थे। 17००० लोगों की मौत हुई थी और 200,000 लोग घायल हुए थे। हम सिर्फ डोनेशन कर सकते थे और वो में ने व्यग्तिगत तौर पर और सामूहिक रूप से किया था.
अप्रैल 2015 में नेपाल में आए एक जबरदस्त भूकंप ने नेपाल ही नही बल्कि भारत और पाकिस्तान को भी हिला दिया था। लगभग 8 रिक्टर स्केल की तीव्रता के इस भूकंप की वजह से हजारों लोगों की मौत हो गयी थी.
चीन में उससे पहले साल 2014, में एक जबरदस्त भूकंप आया था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.5 थी और इस भूकंप से 6०० ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. बहुत सारे लोग घायल भी हुए थे।
लगभग 9 साल पहले सितंबर 2013 को पाकिस्तान में 7.7 रिक्टर स्केल की तीव्रता का भूकंप आया था। जिसमें 1००० के करीब लोगों की मौत हो गई थी।
आप में से बहुत से लोगों को जापान का मार्च 2011 वाले उस भूकंप का याद होगी जिसने 18 हजार लोगों की जान गयी थी। रिक्टर स्केल पर 9 तीव्रता के भूकंप ने फुगुशिमा न्यूक्लियर रिएक्टर को तबाह कर दिया था और भयंकर बर्बादी हो गयी थी. वैसे भी जापान जहाँ सबसे ज्यादा भूकंप आते है और बहुत अधिक सावधानी रखी जाती है फिर भी अक्सर नुक्सान झेलता है.
हैती में जनवरी 2010 में आए भूकंप ने उस पूरे देश को हिला दिया था। उस भूकंप में तीन लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.
इंडोनेशिया का मई 2006 में एक तेज भूकंप आया था जिसने लोगों को बर्बाद कर दिया और घरों को उजाड़ दिया। इस भूकंप में करीब 6००० लोगों की मौत हो गई थी। फिर सितंबर 2009 में इंडोनेशिया में ही एक और बड़ा भूकंप आया था जिसने 1100 से ज्यादा लोग मरे.
में एक NGO से जुड़ा रहा हूँ तो हमें पता है की आपदा प्रबंधन एक ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसे सफल बनाने के लिए हम सभी को सरकार का मुँह ना देखते हुए एकजुट होकर प्रयास करने की आवश्यकता होती है। हर नागरिक का कर्त्तव्य है की वो लोगों को अपना सहयोग प्रदान करे क्योंकि कल ऐसा हमारे साथ भी हो सकता है.
आपदा प्रभंधन से निबटने के लिए अगर हम पहले से तैयार रहें तो बावजूद इसके की आप प्राकृतिक आपदाओं से बच नहीं सकते पर आप उनका प्रभाव काम कर सकते हैं और समय रहते लोगों तक मदद पहुंचा सकते हैं.
हमें जानना होगा की भूकंप के क्या कारण है और उनसे बचने के लिए हमें क्या सावधानियां रखनी होती है.
१- मकानों को भूकंप अवरोधी बनाना.
२- मकानों में इमरजेंसी एग्जिट होना.
३. मकानों के बाहर ऐसी व्यवस्था रखना जहाँ इमरजेंसी सेवाओं का पहुंचना आसान हो.
४. समय पर लोगों की सहायता और उनके पुनर्वास में यथाशक्ति अपना सहयोग देना.
डिजास्टर मैनेजमेंट आपदा से पहले, उसके बाद नहीं, बल्कि एक दूसरे के साथ साथ चलती रहती है। यह प्रक्रिया लोगों को अपने सामान्य जीवन स्तर पर लौट आने के लिए पर्याप्त उपाय हैं।
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हम जानते हैं की प्राकृतिक आपदाओं एक कारण प्राकृतिक वनों का बड़े स्तर पर कटान का परिणाम है और ऐसा माना जाता है मानव द्वारा बहुत अधिक शहरीकरण भी इसका एक कारण है. परंतु प्राकर्तिक आपदाओं का मात्र यही कारण नहीं है।
आपदाओं की उत्पत्ति का संबंध मानव कार्यों से भी है। हमने प्रकृति के साथ इतना खेल खेला है की अब वो हमारे साथ खेल रही है. तो हमें अगर प्राकृतिक आपदाओं से बचना है तो प्रकर्ति की इज़्ज़त करनी पड़ेगी अथवा परिणाम के शिकार होने के लिए तैयार रहिये.
10% लाभार्थी @steemindiaa
पढ़ने के लिए धन्यवाद
I invite @emaidoreyin @amoakabraham and @princegbekei to participate in THIS CONTEST
Regards
@monz122(Moderator)
Steem India - @steemindaa
Thanks for validating this post, I appreciate 👍
@tipu curate
;) Holisss...
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This is a manual curation from the @tipU Curation Project.
Upvoted 👌 (Mana: 5/8) Get profit votes with @tipU :)
Thanks a lot, I appreciate 👍
Greetings, you have been supported by @steemindiaa account for your post. This is the official community account for our Indian community on Steemit. For more information, please visit our discord channel.
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👍
Earthquake is a natural disaster that we cannot predict when it will happen, but if it happens often then our efforts and the government must work together and support each other.
Good luck for the contest👍
Thanks @liasteem, I agree with you. We can only make best efforts to help people but natural disasters are beyond our control.
Thanks @steemcurator05, team Curator and @josevas217 for your support. I am curious to know about weekly top 7 though.