Today's interesting information gave for everyone about of Lord shiva
मैं आज एक ऐसे दोस्त से मिला जिसने बातों ही बातों मे अपने पिताजी के साथ एक सच्ची घटना कुछ वर्षो पहले गठित हुई थी जो उसने मुझे बताया कि उसके पिताजी को लगभग सुबह के 3,4 बजे ऐसा लगा उनको जैसे उनके सामने महादेव प्रकट हुए हो और कुछ कहना चाह रहे है सर्वप्रथम मेरे पिताजी ने उनको प्रणाम किया और उनसे उसी उत्साहपुर्वक उनसे पुछ लिया कि प्रभु आप क्या कहना चाह रहे है तो उन्होंने मेरे पिताजी के द्वारा किये गए धार्मिक पूज्य कामों को देख उदारता प्रकट करने के लिए धरती पर मिलने के लिए
अपने शिष्य से आतुर हो गए थे तो उन्होने मुझसे बोला कि तुम मेरी पूजा करने के लिए प्रतिदिन इतने दूर तुम मेरे स्थान पे जाते हो और खूब लगन से मेरी आराधना करते हो जिसको देखकर मैं प्रफुलित हो जाता हूँ ये सोच कर की मेरा शिष्य कितना उदारता से मेरी आराधना करता हैं फिर मैंने सोचा कि अपने भक्त से मिलने के लिए इतना बिलम्ब क्यूँ कर रहा हूँ जो मेरी पूजा इतने लगन से कर रहा है इसलिए मैं तुम्हारे पास देवलोक से सीधे आ रहा हूँ ये सोचकर् कि अपने इस भक्त की कुछ सहायता करुँ इसलिए मैं चाहता हूँ कि तुम मेरी प्रतिमा अपने घर पर स्थापित करो ताकि तुमको मेरी पूजा करने के लिए रोज़ दूर ना जाना पड़े और इतनी कस्ट ना उठानी पड़े। आज मैं तुमसे यही कहने आया हु। भगवान शिव की बात सुनकर शिष्य रोने लगा और कहने लगा प्रभु मेरे पास इतने धन नहीं हैं जिससे मैं आपकी स्मृति की स्थापना कर सकू तो प्रभु ने बोला कि तुम शुरुआत करो भगवान के आशीर्वाद से सब कूछ अच्छे से संपन्न हो जायेगा ये कहकर भगवान शिव अन्तर्ध्यान हो गए और शिष्य पागलो के जैसे भगवान को ढूंढने लगा जिसको सुनकर परिवार के लोग दंग रह गए फिर उन्होंने अपने साथ आप बीती बात सुनाई जिसे घर के लोग भावभूत हो गए और गाव के लॉगो से ये आपबीती कहानी बताने लगे।लॉगो ने बातें सुनकर प्रभु की मंदिर बनने की बात कहीं जिससे शिव का शिष्य मंदिर बनाने के तरफ आगे बढ़ चला धीरे धीरे कई बर्ष हो गए पर शिव मंदिर कि स्थापना ना हो पायी एक दिन सावन के महीने मे प्रभु सपने दिखा रहे हैं कि तुम मेरी मूर्ति कि स्थापना नहीं कोई जिससे तुम्हें कस्ट हो रहा ये सुन कर भगवान शिव का शिष्य जग गया तुरंत अपने पुत्र से बात कहने लगा भगवान मुझसे नाराज हो गए है पुत्र से आग्रह करके मंदिर की स्थापना करने कि बात करने लगे बेटा मेरी एक काम पूरी कर दो नहीं तो मैं मर जाऊंगा ये बात पुत्र सुनकर उनको विश्वास दिलाया कि जल्दी ही भगवान शिव की मंदिर की स्थापना का कार्य शुरू होगा और कुछ दिन बाद से कार्य शुरू भी हो गया महीनों दिन बाद भगवान शिव के स्थल का कार्य पूरा हो गया शिव का शिष्य गाव् के सभी लॉगो से सहायता कि बात कि भगवान कि स्थापना मे पूजन कार्य के लिए पैसे लगेगें तो गाव के लॉगो ने मिलकर चंदा एकत्रित किया हुआ पूजा पाठ करने के लिए दूर दूर से ऋषि मुनियो को आमंत्रित किया गया और गांव तथा आस पास के लोग को भी निमंत्रित किया गया नाच गाने होने लगे ढोल नगाड़े बजने लगे लॉगो का हुजूम लगा गीत गाने होने लगे विशाल भंडारे का आयोजन भी हुआ था अंततः भगवान शिव मंदिर की स्थापना हो गया तथा दूर दूर से आए ऋषि मुनियो को आदर सहित बिदाई किया गया और आज प्रतिदिन शिष्य अपने प्रभु के सामने पाठ किया करते हैं और गाव के लोग भी प्रातः वहां पूजा पाठ करने जाया करते है ।आज मैं भी इस स्थल पर जाकर भगवान शिव से आशीर्वाद लिया और परिवार के लोगो लिए सुख समृद्धि की गुहार लगाईं।। ओम नमः शिवाय

Regards
@deepak94(Moderator)
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