MY FAVOURITE SUBJECT IN DURING STUDENT LIFE - I Loved Social Science ❤️

in India Speaks3 years ago
शुभ प्रभात

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नमस्ते इंडिया ! नमस्ते हिंदुस्तान ! नमस्ते भारत !

नमस्कार दोस्तों कैसे है आप सब उम्मीद करता हूँ सभी इस प्लेटफार्म को दिल से एन्जॉय कर रहे होंगे। और एक दूसरे के पोस्ट की मदद से आप कुछ न कुछ नया जरूर सीख रहे होंगे। ऐसे में आज मैं शुभम भगत आप लोगों के समक्ष स्टीम इंडिया द्वारा चल रहे कॉन्टेक्ट के समक्ष मैं अपने विद्यालय जीवन आज कॉलेज जीवन में जो कुछ सीखा जो कुछ जाना और मेरा कौन सा विषय पसंदीदा था और क्यों इस विषय पर भी मैं बात करूँगा।

शुरू करते हैं आज की डायरी

मुझे बचपन से ही सामाजिक विज्ञान के विषयों में काफी रुचि थी । लेकिन बाल्यावस्था में मुझे इस बात की भनक नहीं पड़ी कि मैं किस विषय को आगे जाकर अपना मुख्य विषय बनाऊंगा। लेकिन 10 वीं की परीक्षा देने के बाद मैंने निर्णय ले लिया था कि मैं सामाजिक विज्ञान को अपना नींव बनाऊंगा और आगे चल कर अपनी देश की सेवा करूँगा इन्हीं विषयों के दम पर। फिलहाल मैं इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस की परीक्षा के लिए तैयारी कर रहा हूँ। मेरी इस विषय में रूचि का मुख्य कारण यह था मेरे अध्यापक प्रहलाद दास जी का उन्होंने मुझे इस प्रकार प्रशिक्षण दिया की धीरे धीरे मुझे इन विषयों पर रुचि उत्पन्न होने लगी।

सामाजिक विज्ञान विषय चुनने का एक और कारण था कि जब भी मैं इस विषय के अंतर्गत कुछ भी पड़ता तो मेरी रुचि और बढ़ने लगती थी और मैं इस विषय को और गहराई तक पड़ता था। सामाजिक विज्ञान विषय के अंतर्गत हम भूगोल इतिहास सामाजिक शास्त्र इंटरनेशनल रिलेशन जैसे तमाम विषय का अध्ययन करते हैं।

इतिहास

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इस विषय की खास बात यह है कि जब हम इस विषय को पढ़ते है तो हम अपने देश के बारे में जानते हैं कि भूतकाल में हमारे देश की क्या स्थिति थी। हम अपने देश के तमाम नेताओं के बारे में अध्ययन करते हैं और उनके विचारों से सीखते हैं की किस प्रकार उन्होंने आजादी के लिए जी जान लगा दी है। इतिहास से हम अपने विश्व के तमाम देशों लोगो क्रांतिकारियों के बारे में अध्ययन कर सकते हैं।

भूगोल

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भूगोल एक ऐसा विषय है जिसमे हम स्थानों और लोगो और वातावरण के बीच संबंधों का अध्ययन करते हैं। भूगोलवेत्ता पृथ्वी की सतह के भौतिक गुणों का अध्ययन करते हैं और पृथ्वी की सतह पर पहले मानव समाज का भी पता लगाते हैं। वे यह भी पता लगाते हैं कि हमारी मानव संस्कृति कहाँ तक फैली है और वह पर्यावरण के साथ कैसे संपर्क करती है। हम इस विषय में यह भी समझते हैं की कोई वस्तु कहाँ पाई जाती है और इसका विकास कैसे होता है और यह किस प्रकार बदलती हैं समय के साथ
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मैंने सामाजिक विज्ञान क्या सीखा आज मैं अपनी यूपीएससी के आंसर राइटिंग की मदद से बताना चाहूंगा। कि कैसे मैंने जो भी सीखा उसको 300 शब्दों में कैसे लिखता हूँ। आज मैं सेकुलरिज्म विषय पर कुछ लिखने जा रहा हूँ आशा करूँगा कि आप जरूर मेरे इस आंसर राइटिंग से कुछ सीखेंगे।

किस प्रकार से धर्मनिरपेक्षता का यूरोपीय मॉडल भारतीय धर्मनिरपेक्षता के मॉडल से अलग है।

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धर्मनिरपेक्षता का अर्थ होता है राज्य द्वारा धर्म के मामलों में हस्तक्षेप ना करना तथा नागरिको तथा समूहों को उनकी धार्मिक मान्यताओं का पालन करने देना।

मूल रूप से धर्मनिरपेक्षता पश्चिमी शब्द ही है। 42 वे संविधान संशोधन 1976 में पंथनिरपेक्षता शब्द को संविधान की प्रस्तावना में शामिल किया गया।

धर्मनिरपेक्षता के यूरोपीय पश्चिमी मॉडल के अनुसार राज्य धर्म के मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा। अर्थात राज्य व धर्म दोनों अपने अपने मामलों को स्वयं देखेंगे।
परन्तु भारतीय संविधान ने धर्मनिरपेक्षता के एक अधिक व्यावहारिक ढांचे को अपनाया है जिसके अनुसार राज्य के धार्मिक मामलों से तो कोई सरोकार नहीं होगा परन्तु यदि किसी धार्मिक संस्था अथवा लोगों द्वारा उस धर्म से जुड़ें किसी व्यक्ति का अधिकार छीना जाता है तो राज्य को सकारात्मक हस्तक्षेप करने का अधिकार है।
अतः भारतीय धर्मनिरपेक्षता का मॉडल यूरोपीय मॉडल की अपेक्षा अधिक सकारात्मक व व्यवहारिक प्रतीक होता है। परन्तु एक मौलिक अंतर इस अर्थ में भी है की भारत की धर्म के संबंध में परिभाषा यूरोपीय परिभाषा से अलग है यह धर्म केवल धार्मिक आचरण नहीं अपितु धर्म का सम्बंध व्यक्ति के कर्मों से भी जुड़ता है।
इसी प्रकार से धर्मनिरपेक्षता का एक विशिष्ट मॉडल प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति के पश्चात तुर्क में देखा गया था जब अतातुर्क कमाल पाशा ने राज्य का अत्यधिक नकारात्मक रूप प्रस्तुत करते हुए नईं पाबंदियों के साथ तुर्क का पश्चिमीकरण किया था।

अतःभारत जैसे राष्ट्र में जहाँ अनेकों धर्म मत व सम्प्रदाय एक साथ रहते हो वहाँ राज्य को सकारात्मक हस्तक्षेप करना अत्यंत आवश्यक हो जाता है। वर्तमान समय में राज्य ने अपने अनुभवों से ही इस व्यवस्था को और मजबूत किया है उदाहरण के तौर पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रायः धार्मिक मामलों में अपना सकारात्मक उत्तरदायित्व निभाया जाता है जैसे हाल ही में चर्चित सबरीमाला विवाद, तीन तलाक विवाद तथा धर्म से संबंधित अन्य मामले।

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During preparation phase

In English Translation

How European model of secularism different from the Indian model of secularism?

Secularism means non-interference by the state in matters of religion and allowing citizens and groups to follow their religious beliefs.

Basically secularism is the western word itself. In the 42nd Constitutional Amendment 1976, the word secularism was included in the preamble of the constitution.

According to the European Western model of secularism, the state would not interfere in matters of religion. That is, both the state and the religion will look after their own affairs.
But the Indian Constitution has adopted a more practical framework of secularism, according to which the state will not be concerned with the religious affairs of the state, but if the rights of any person belonging to that religion are taken away by any religious institution or people, then the state has to make positive intervention. Has the right to.
Therefore, the Indian model of secularism is a more positive and practical symbol than the European model. But there is also a fundamental difference in the sense that India's definition of religion is different from the European definition.
Similarly, a distinctive model of secularism was seen in Turks after the end of World War I, when Ataturk Kemal Pasha westernized the Turks with new restrictions, presenting a very negative view of the state.

Therefore, in a nation like India, where many religions and sects live together, it becomes very necessary for the state to intervene positively. In the present time, the state has strengthened this system by its own experiences, for example, the Supreme Court often plays its positive responsibility in religious matters like the recently discussed Sabarimala dispute, triple talaq dispute and other matters related to religion.


धन्यवाद !!!
I invite my friends to come and participate - @alfazmalek @poorvik @jahangeerkhanday @skysnap

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Waah, Maza aa gya padh kar, aapka aabhar, aur meri taraf se aapko dher saari shubhkaamnaayein.

Jai Hind

 3 years ago 

Thanks brother .

Thank you for contributing to #LearnWithSteem theme. This post has been upvoted by @cryptogecko using @steemcurator09 account. We encourage you to keep publishing quality and original content in the Steemit ecosystem to earn support for your content.


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Regards,
Team #Sevengers

 3 years ago 

Social Science meri mataji ka bhi Favourite Subject hai. Iss partiyogita me bhag lene k liye dhanyawad . Aapka din mangalmay ho.

 3 years ago 

Thanks @monz122

bdhiya likhtai ho bhai aap .

Bhai ek din tum jarur IAS officer bnogai isi trh pdhtae rho.

 3 years ago 

Wow.......your writing work is appreciable and deep. It's mesmerizing. Would like to read more like this.
Have a good day.

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