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RE: आपकी सुबह इतनी सुहानी हो जाये,
Dear sir!
बहुत ही सुंदर सोच है आपकी। अपने लिए तो सब जीते हैं जो दूसरों के लिए जीते हैं वही सच्चा इंसान होता है.।
सूर्य जल पेड़ इनका जन्म परोपकार के लिए ही हुआ है।
वृक्ष कबहुं न फल भक्षै, नदी न संचे नीर, परमार्थ के कारने साधुन धरै शरीर।
आपके शब्द अनमोल है। आपका स्वागत है।