Women welfare law
1. Dowry Resistance Act
Dowry resistance to stop dowry practice
Act 1961 is applicable, in which dowry demands and
Taking is punishable. Make this law more effective
For the Indian Penal Code two new sections 304 b
And 498 has been added. Section of evidence act
113 A and B also implement this law.
Is helpful.
2. Protection of women from domestic violence
Domestic Violence (Women's Protection) in law family
Family in any way living with family
Provides social, economic and physical protection
is. This law applies only to men.
Compensation in issuing interim order in the act
To appoint, to recruit, conservation officers
Right to stay in home, legal and medical
There is a support system.
3. Indecent Repression Resistance Act
Bharti Penal Code Section 292 and 294
Violence against women for pornography
Provision has been made about. Ads, publications
Women are vulgar through sketches etc.
Warranty by the Formatting Resistance Act 1987
Several penalties have been made including arrests.
4. Child Marriage Restraint Act
Hair removal to remove the malady of child marriage.
Marriage Restraint Act (Sharda Act) in 1978
Comprehensive revisions have been made. At the time of marriage
Girl age of 18 years and boy's 21 years
Penalties have been made when reduced. this
Act equally on every sect and class.
come into force . No woman can be penalized in this act.
5. Doubt and family disputes
The Family Court Act 1984 is applicable to settlement with the agreement at the same place of married and family disputes. Where a family court has not been formed, the District Court has been given the status of Family Court.
1. दहेज प्रतिरोध अधिनियम
दहेज प्रथा पर रोक लगाने के लिए दहेज प्रतिरोध
अधिनियम1961 लागू है, जिसमें दहेज मांगना और
लेना दंडनीय है। इस कानून को ज्यादा प्रभावी बनाने
के लिए भारतीय दंड संहिता में दो नई धाराएं 304 ख
और 498 क जोड़ी गई हैं । साक्ष्य अधिनियम की धारा
113 अ और ब भी इसी कानून को लागू करने में
सहायक है।
2. घरेलू हिंसा से महिलाओं को संरक्षण
घरेलू हिंसा (महिला संरक्षण) कानून परिवार में
किसी भी रूप में साथ रह रही महिला को पारिवारिक
सामाजिक, आर्थिक और शारीरिक संरक्षण प्रदान करता
है। यह कानून केवल पुरुषों के विरूद्ध लागू होता है।
अधिनियम में अंतरिम आदेश जारी करनेमुआवजा
दिलाने, संरक्षण अधिकारियों की नियुक्ति करनेसाझे
घर में रहने का अधिकार, विधिक एवं चिकित्सकीय
सहायता दिलाए जाने की व्यवस्था है।
3. अशिष्ट रुपण प्रतिरोध अधिनियम
भारती दंड संहिता की धारा 292 व 294 में
महिलाओं के विरूद्ध अश्लीलता संबंधी अपराधों के
बारे में प्रावधान किया गया है। विज्ञापनों, प्रकाशन
रेखाचित्रों आदि के माध्यम से महिलाओं को अशिष्ट
रूपण प्रतिरोध अधिनियम 1987 के द्वारा बिना वारंट
गिरफ्तारी सहित कई दंड के प्रावधान किए गए हैं।
4. बाल-विवाह अवरोधक अधिनियम
बालविवाह की कुरीति दूर करने के लिए बाल।
विवाह अवरोधक अधिनियम (शारदा एक्ट) 1978 में।
व्यापक संशोधन किए गए हैं। इसमें विवाह के समय
लड़की की आयु 18 वर्ष और लड़के की 21 वर्ष से
कम होने पर दंड का प्रावधान किया गया है। यह
अधिनियम हर संप्रदाय और वर्ग पर समान रूप से।
लागू होता है । इस अधिनियम में किसी महिला को कारावास का दंड नहीं दिया जा सकता।
5. दाम्पत्य एवं परिवार संबंधी विवाद
दाम्पत्य एवं परिवार संबंधी विवादों के एक ही स्थान पर समझौते के साथ निपटारे के लिए पारिवारिक न्यायालय अधिनियम1984 लागू है। जिस स्थान पर पारिवारिक न्यायालय का गठन नहीं किया गया है, वहां जिला न्यायालय को पारिवारिक न्यायालय का दर्जा दिया गया है।
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