You are viewing a single comment's thread from:
RE: समाज-सेवा : प्रभु-सेवा (अंतिम भाग # २) | Community Service : God Service (Final Part # 2)
प्रणाम मेहता जी
"इंसान के प्रत्येक सवाल का जवाब इस कुदरत के पास है.. बशर्ते इंसान अपने प्रश्न का उत्तर खोजने में कितना चिंतित है ये भी एक बड़ा सवाल है"