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RE: असत्य पैदा करता है अविश्वास (भाग #१) | False Unbelief (Part # 1)

in #life6 years ago

नमस्कार मेहता जी,
सम्भवतया आपके जैसे अनुभवी व्यक्ति ने ये विश्लेषण किया हैं तो ठीक ही होगा। पर माफ़ करना, मैं इससे असहमत हूँ। हम लौकिक जीवन का हिसाब किताब कर पाते हैं, जबकि मानव जीवन लौकिक संसाधनों की प्राप्ति के लिए हैं ही नहीं। पारलौकिक जीवन की समझ ईश्वरीय कृपा से ही सम्भव हो पाती हैं। और ये तभी सम्भव हैं, जब हम परमात्मा के करीब जाने का प्रयास करें।
एक राज की बात जरूर बताना चाहूंगा, सत्य कल्याण का शॉर्टकट हैं। और शॉर्टकट की समस्याएं तो झेलनी पड़ेगी ही। यदि इंसान अपने मार्ग को जान ले, कि वो किस तरफ बढ़ रहा हैं, तो उसको सत्य के मार्ग में आनेवाली बाधाओं को बाधाएं न मानकर उस मार्ग के सामान्य स्टेप मानकर आराम से पार कर लेगा।
इतनी महत्वपूर्ण चर्चा के लिए आपका बहुत बहुत आभार। कभी समय मिले तो मेरे पेज की विजिट कर मार्गदर्शन दीजियेगा।

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आपकी @indianculture1 उचित समीक्षा के लिए तहे दिल से धन्यवाद.
आपकी जैसी निष्पक्ष वाणी का ही तो इंतजार रहता है, बाकि सभी तो हाँ में हाँ मिलाने में लगे रहते है .

आपका आभार मेरे विश्लेषण पर बेहतर प्रतिक्रिया के लिए। मै एक बार पुनः निवेदन करना चाहूंगा कि आप जैसा अनुभवी मार्गदर्शक मेरी पोस्ट पर अपनी राय दे। सम्भवतया अपवोट से ज्यादा मार्गदर्शन महत्वपूर्ण होगा मेरे लिए। मेरा निवेदन स्वीकार कीजियेगा।