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RE: समाज-सेवा : प्रभु-सेवा (अंतिम भाग # २) | Community Service : God Service (Final Part # 2)
बहुत अच्छे से समझाया है आप ने लकिन आज के समय में हर अच्छाई और बुराई को व्यवसाय की तरफ से देखा जाता है ,कोई समाज के लिए कुछ करना चाहता है,या करता है तो उसके रास्ते में रोड़े अटका दिए जाते है की ये फ्री में कर दे गा तो हमरा पैसा नहीं बनेगा.लकिन हमे अपने समाज सेवा वाली भावना के साथ ही काम करना चाहिए , कुछ लोग है जो इस काम को बड़े अच्छे से अंजाम दे रहे है.