Ghazal
जबसे तुझे देखा है, दिल खो गया है
जबसे तुझे परखा है, कुछ हो गया है
ख्वाब हरपल तेरे ही रहते है, जहन मे
जाने कौन सी नींद मे, दिल सो गया है
ख़ुशनुमा हुआ सारा जहाँ, मिलकर तूझसे
लगता है जैसे कोई, मेरे आँसू धो गया है
उजड़ा था गूलशन मेरा, अब खिला खिला है
फूलों-पौधों मे जैसे माली, तुझे ही बो गया है
जीने की नही थी चाह, अब कुछ पाने की नही
हर साँस मे नाम तेरा, बनकर अरमाँ पिरो गया है
हर पल कुछ खास है, तूझसे मिलने की आस है
आजा अकेला हूँ मै, जहाँ दूर मुझसे मीलो गया है