शराब के नुकसानात
शराब पीता हूए मनुष्य
इस वक्त मानव समाज के अन्दर इतनी बुराइयां पैदा हो गई है कि उनको गिन्ती में लाना भी संभव समाज दिशाहीन होकर रह गया है । नहीं है और जिन की वजह से आम लोग इन बुराइयों में लिप्त होते चले जा रहे हैं अगर इन बुराइयों की रोक थाम न की गई और इन बुराइयों को खतम करने का कोई उपाय न किया गया तो पूरा इन्सानी समाज इन बुराइयों से अपना धामन दागदार कर लेगा । फिर इनसे बचाव का कोई तरीका कारगर नहीं हो सकेगा । दुनिया के अन्दर पाई जाने वाली बुराइयों में से एक सबसे बड़ी बुराई शराब नोशी है
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शराब
जो इस वक़्त बिलकुल आम हो गई है । कुरआन व हदीस के अध्ययन से यह बात स्पष्ट होती है कि अगर शराब नोशी में एक तरफ दुनिया और परलोक का खसारा है तो दूसरी तरफ जिसमानी और रूहानी नुकसान भी है यानी शराब हर पहलू से बहुत ही ज्यादा हानिकारक और खतरनाक चीज़ है । पैगम्बर सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम फरमाया कि शराब तमाम बुराइयों जड़ है । यहां पर कुछ खराबियों की निशानदेही की जा रही है शराब का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि वह अधिकांश लड़ाई इन्सानों के बीच संबन्ध विच्छेद करा झगड़े का कारण बनती है और देती है । इस्लाम की नजर में चूंकि यह बुरी चीज़ है इसलिये कुरआन खास तौर से इस खराबी की निशानदेही की गयी है । कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है " शैतान चाहता है कि शराब और जुवा के जरिए तुम्हारे आपस में बुग्ज व अदावत ( दुश्मनी ) डाल दे " । दूसरी खराबी यह है कि शराब इन्सान को अल्लाह की इबादत और नमाज़ पढ़ने से रोक देती है और यह इसका रूहानी नुकसान है क्योंकि नशा की हालत में न नमाज हो सकती है और न अल्लाह का जिक्र और न कोई दूसरी इबादत इस लिये कुरआन की आयत में साफ तौर पर इस के नुकसान की तरफ इशारा किया गया है । " और शैतान तुम को शराब के ज़रिये अल्लाह के ज़िक्र और नमाज से रोकना चाहता है " हदीस में शराब के नुकसान और हानिकारक होने की निशानदेही की गई है । अब्दुल्लाह बिन अम्र बिन आस रजिअल्लाहो तआला अन्हो बयान करते हैं कि पैगम्बर मुहम्मद फरमाया जिसने नशे की वजह से सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने एक वक्त की नमाज खो दी तो मानो कि उसको दुनिया की जो दौलत हासिल थी , छिन गई और जिसने नशे की वजह से चार वक्त की नमाज़ खो दी तो अब अल्लाह को अधिकार है कि उसको तीनतुल ख़बाल पिलाये लोगों ने पूछा कि तीनतुल ख़बाल क्या है । पैगम्बर मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने जवाब दिया जहन्नमियों के शरीर से निचोड़ी हुई गंदगी ( तफसीर इब्ने कसीर भाग १ पृष्ठ -१४ ) उस्मान बिन अफ्फान रजिअल्लाहो अन्हो का बयान है कि शराब से बचते रहो क्योंकि वह सारी बुराइयों की जड़ तफसीर इब्ने कसीर भाग १ पृष्ठ -१४ इन्सान के शरीर पर शराब से पड़ने वाले नुकसानात यह है कि शराब धीरे धीरे मैदे के काम को खराब कर देती है खाने की इच्छा कम कर देती है , चेहरे की बनावट बिगाड़ देती है , पेट बढ़ जाता है । सामूहिक तौर पर पूरे शरीर पर इसलाहे