भारत अभी स्वतंत्र नहीं हुआ है।
आज देश धूम-धाम से अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। लेकिन क्या आपको यह एहसास है कि भारत अभी सही मायने में स्वतंत्र नहीं हो पाया है?
जो आजादी हम मना रहे हैं वो भारत में रहने वाली मानव प्रजाति की आजादी की ख़ुशी है। किंतु भारत जैसी विशाल, उपजाऊ और प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न धरा पर केवल मानव का निवास नहीं है। यहाँ हजारों प्रकार के जीव-जंतु और पशु-पक्षियों की प्रजातियाँ भी रहती है। यह उन सब प्राणियों की भी जमीन है जो हजारों सालों से यहाँ बसते और विचरते आये हैं। उन सब प्राणियों का भी यहाँ स्वतंत्र जीवन जीने का उतना ही मौलिक हक़ है जितना कि मानव का।
दुर्भाग्यवश, आज भी भारत में प्रतिवर्ष करोड़ों पशु-पक्षी मानव द्वारा प्रताड़ित किये जाते हैं और अंततः काट दिए जाते हैं। पशु-पक्षियों के शरीर के टुकडो और अंगों को प्रसंस्कृत कर मनुष्य उन्हें अपने भोजन, फैशन, दवाई, शोध, मनोरंजन आदि के लिए काम में लेता है। क्या उन मासूम प्राणियों को इस धरा पर अपना जीवन जीने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए?
जब तक प्रत्येक पशु-पक्षी मानव के चंगुल से मुक्त नहीं हो जाता तब तक यह मुल्क आजाद नहीं कहा जा सकताहै।
मैं इस देश को आजाद नहीं समझता हूँ। यहाँ न केवल पशु-पक्षी मानव के गुलाम है वरन मानव भी पशु-पक्षियों का गुलाम है। कुदरत में सभी प्राणी अपना स्वतंत्र जीवन जीना जानते हैं। लेकिन आज भी यहाँ मानव पशु-पक्षियों के बिना जीवन जीना नहीं सीख पाया है। मनुष्य आज भी अपने जीवन के लिए पशु-पक्षियों पर निर्भर है।चाहे वो माँस, मछली हो, चाहे अंडा और दूध हो, चाहे शहद, रेशम, चमड़ा या ऊन हो, चाहे मोती और लाख के आभूषण हो; चाहे पुलिस के कुत्ते या घोड़े हो, चाहे हाथी-घोड़े-ऊंट की सवारी हो, चाहे खच्चर या गधे की ढुलाई हो, चाहे चिड़ियाघर, एक्वेरियम या सर्कस के तमाशे हो, चाहे जलिकट्टू या घुड-दौड़ का खेल हो; मानव अपने जीवन के लिए किसी न किसी रूप में पशुओं पर निर्भर है। और जब आप अपने जीवन के लिए किसी पशु या पक्षी के मोहताज हैं तो फिर आप उनके गुलाम हुए न?
- कहाँ है आजादी?
- कब मिलेगी हमें आजादी?
- कब मिलेगी सभी पशु-पक्षियों को उनकी आजादी?
- कैसे मिलेगी?
आपने पशु-पक्षियोंकी हो रही उत्पीडना के बारे में सही लिखा है| ऐसी जानकारी और विचार सब लोगोने पढ़ने चाहिए| हमने ऐसे ही कुछ विचार यहां दी है, विषय थोड़ा अलग है मगर सोच शायद वहीँ है|
You're a good script writer! Thanks for preparing draft speeches for school events. I'd be happy if thoughts regarding freedom and liberation of all beings are also reflected as part of your independence day speech drafts.
Thank you for visiting this blog!
Fully agreed
१. आपकी बात एकदम सही है की आज भी भारत को पूरी तरह आजादी नहीं मिली है.
२. मझे तो नहीं पता की किस दिन आजादी मिलेगी. यदि किसी को पता हो तो बता दे. जब तक मनुष्य किसी भी प्राणी को उपयोग में लेगा तब तक तो नहीं मिलेगी.
३. बिंदु २ दे सामान ही बात है.
४. जब हमारी सभी प्राणियों/जानवरों से आत्मनिर्भरता ख़त्म होगी तब मिलेगी सही मायनो में आजादी. इसके लिए हम सभी को मिलकर प्रयत्न करने पड़ेगे.
बहुत आसान-सी बात है, हमें अपने जीवन के लिए किसी भी पशु-पक्षी से कुछ लेना-देना नहीं होना चाहिए और उनके स्वतंत्र जीवन में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। लेकिन आज मानवता मानसिक रूप से गुलाम है। हमें केवल अपनी मानसिकता में परिवर्तन कर अपने-आप को जानवरों पर निर्भरता से आजाद करना है। परंतु सबसे मुश्किल लड़ाई अपने-आप से होती है।
सही कहा आपने ,अभी कहा है आज़ादी ,जातिवाद ,हिन्दू ,मुस्लिम से कब मिलेगी आज़ादी इस देश को?
जी नहीं हम उनके गुलाम नहीं है । हमने तो उन्हें गुलाम मान रहे है
और यह आजादी उन्हें तब तक नहीं मिलेगी जब तक हम अपने आचरण से भृष्टता को नहीं मिटा देते । एक तरफ तो हम वसुधैव कुटुम्बकम का नारा देते हैं तो दूसरी ओर अपने ही कुटुंब के जीवों के अधिकारों का हनन कर रहे हैं ।
और अच्छा लगा आप लोगो को हिंदी लिखता देख इस मंच पर मै कल ही यहाँ से जुड़ा हु तो क्रप्या सपोर्ट करें
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Adhike yenne hodhu saitha irodhu
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