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RE: समाज-सेवा : प्रभु-सेवा (अंतिम भाग # २) | Community Service : God Service (Final Part # 2)
सच कहा आपने इसलिए मैंने घर पर रहकर ही कुछ करने का मन बनाया है। रही बात इस दोहे की तो इसका मतलब किन्ही भिन्न बातों को स्पष्ठ करना था।
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