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RE: समाज-सेवा : प्रभु-सेवा (अंतिम भाग # २) | Community Service : God Service (Final Part # 2)

in #life6 years ago

सिर्फ इस एक लाइन को पढ़कर मैं ये कहना चाहता हूँ कि बड़ा सोचना चाहिए इसमें कुछ गलत नहीं है परन्तु घर छोड़ने के पक्ष में नहीं हूँ. घर (विदेश न जाकर) पर रहकर भी कुछ बड़ा किया जा सकता है.

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सच कहा आपने इसलिए मैंने घर पर रहकर ही कुछ करने का मन बनाया है। रही बात इस दोहे की तो इसका मतलब किन्ही भिन्न बातों को स्पष्ठ करना था।

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