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RE: सुख : स्वरूप और चिन्तन (अंतिम भाग # ४) | Happiness : Nature and Thought (Final Part # 4)
जिंदगी में चाहे कितने कितने भी कष्ट क्यो ना आये पर जो इंसान हर उस छोटी
बात में भी खुशी ढूढता है आखिर कर खुश वही इंसान रह पाता है,
वरना दुख तो हर किसी के नसीब में तो होते ही है
जरूरत है तो सिर्फ खुशी के तलाश की
धन्यवाद।।।।