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RE: धर्म का प्राणतत्व : विनय (भाग # २) | The Life of Religion : Modesty (Part # 2)

in #life6 years ago

आज के युग में जियादातर लोग हर चीज में वजह खोजते हे हकीकत ये हे की गुरु सदेव ने स्वार्थ अपना योगदान देता हे देश समाज और लोगो के विकास में फिर भी लोग समज नहीं पाते आज के युग में कोई अगर किसी सन्त या ऋषि को देखते हे तो सिर्फ यही सोचते ये की ये कुछ मानंगे आ गए कोई भी उनके योगदान का विचार नहीं करता यही ऋषि मुनि हे जो हमे हमारी संस्कृति से जोड़ते हे

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बात तो आपकी सही ही है कि लोग हर चीज में वजह ही खोजते है कि ये ऐसा क्यों कह/कर रहा है इसका इसमें क्या स्वार्थ है इत्यादि. यही आज की वास्तविकता है. परन्तु फिर भी हमें अपने अच्छे कर्म करते रहना है जिसे जो सोचना है सोचे.

जी हमे अपने अछे कार्य को कभी नहीं रोकना चाहिये कियो की इस संसार के बुरे लोग तो चाहते ही यही के की अछे काये रुक जाए.